Hindi poem for 25 years of togetherness!

Wrote this for the 25th wedding anniversary of my parents.

हों इन आँखों में आँसु
या छलके ग़ुस्सा दिन-रात,
हो जीवन में ग़मों का साया,
या छोड़े क़िस्मत तेरा साथ,
हो जो कभी कोई काला सवेरा,
या वो इक सूनि सी रात,
बस वादा है ये, ना छोड़ूँगा तेरा साथ

निकले कभी जो अकेली तू,
या चले ये दुनिया तेरे साथ,
चाहे इन राहों में काँटे मिलें,
या फिर हो फूलों की बरसात,
छोटी बड़ी हर मुश्किल में,
थामूँगा मैं तेरे ये हाथ,
बस वादा है ये, ना छोड़ूँगा तेरा साथ

ना दिखे कभी जो रंग इस ज़िंदगी में,
या सहे ना तेरी कोई ये ख़ुराफ़ात,
आए ना जो तुझे चैन कभी,
या छूटे किसी उम्मीद का साथ,

क़सम है मेरे प्यार..
हो चाहे ये जनम, या अगलें हों सात,
निकल चलें इस्स मिट्टी से, फिर चाहे हो नर्क में मुलाक़ात,
जो थामा तेरा हाथ, होगा जन्मों का अपना साथ,
बस वादा है ये, ना छोड़ूँगा तेरा साथ..


..तेरा साथ

-Aman Batra

This is my original work, At least tag me if you copy or reproduce :)

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